सीमा राय: शिक्षा, प्रेरणा और योग से जीवन की दिशा
Dec 22, 2025
एक अच्छा शिक्षक वही होता है जो बच्चों को केवल पढ़ना-लिखना नहीं सिखाता, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास, अनुशासन और बेहतर भविष्य की राह भी दिखाता है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले के सहजनवा ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय जूडियान की शिक्षिका सीमा राय इसी सोच को अपने रोज़मर्रा के काम में साकार कर रही हैं।

मऊ ज़िले के छोटे से गाँव खलीसा से आने वाली सीमा राय के लिए शिक्षिका बनना सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य रहा है। शिक्षा की राह उनके लिए आसान नहीं थी, आठवीं के बाद पढ़ाई के लिए रोज़ पैदल चलना, फिर कॉलेज तक साइकिल से लंबा सफर तय करना, लेकिन इन कठिनाइयों ने उनके संकल्प को और मज़बूत ही किया।
शिक्षक बनने के बाद सीमा ने जल्दी ही महसूस किया कि किताबों तक सीमित शिक्षा बच्चों की पूरी ज़रूरतें पूरी नहीं कर पाती। निपुण भारत मिशन से जुड़ने के बाद उन्होंने प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण, डिजिटल संसाधनों और गतिविधियों को कक्षा का हिस्सा बनाया। कहानियाँ, दृश्य सामग्री और खेलों के ज़रिए बच्चे अब सीखने में अधिक रुचि लेने लगे हैं और कक्षा में खुलकर भागीदारी करते हैं।
सीमा बताती हैं, “बच्चे जब प्रोजेक्ट और गतिविधियों के ज़रिए सीखते हैं, तो वे चीज़ें उन्हें लंबे समय तक याद रहती हैं और पढ़ाई से उनका जुड़ाव गहरा होता है।”
इस बदलाव का असर बच्चों के आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति में साफ़ दिखने लगा है।

उन्होंने यह भी समझा कि बच्चों की प्रगति में परिवार की भूमिका बेहद अहम है। स्कूल और अभिभावकों के बीच नियमित संवाद शुरू होने से माता-पिता अब बच्चों की पढ़ाई में सक्रिय रुचि ले रहे हैं और स्कूल को सहयोगी के रूप में देखने लगे हैं।
साल 2020 से सीमा ने अपने विद्यालय में योग को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाया। उनके अनुसार, योग ने न सिर्फ बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार किया, बल्कि उनकी एकाग्रता और अनुशासन को भी मज़बूत किया।
वे मानती हैं, “पढ़ाई में आगे बढ़ने के लिए मन की स्थिरता ज़रूरी है, और योग बच्चों को यही स्थिरता देता है।”
सीमा के प्रयासों का असर बच्चों के व्यवहार और सीखने की यात्रा में साफ़ दिखाई देता है। जो बच्चे पहले पढ़ाई से कतराते थे, वे अब गतिविधियों में भाग लेते हैं, सवाल पूछते हैं और आत्मविश्वास के साथ सीखते हैं। योग, कला, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के ज़रिए विद्यालय अब एक ऐसा स्थान बन गया है जहाँ हर बच्चे को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिलता है।
सीमा राय का सफर यह दिखाता है कि जब शिक्षा में समर्पण, नवाचार और संवेदनशीलता जुड़ जाती है, तो स्कूल केवल पढ़ाई की जगह नहीं रहता, वह बच्चों के जीवन को नई दिशा देने का माध्यम बन जाता है।
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